risi dhamala :)
'भारतीय मदद जल्दी न आती तो और तबाही मचती'
प्रांशु मिश्र, काठमांडू
नेपाल और भारत के रिश्ते हमेशा गहरे रहे हैं। काठमांडू में भीषण भूकंप के बाद यकीनन ये रिश्ते और गहरे होंगे। भूकंप के बाद सबसे पहले भारतीय राहत दस्ते यहां पहुंचे। इस वजह से काफी लोगों की जान बची। भारतीय मीडिया ने खुद काफी परेशानियां उठाते हुए यहां की तकलीफ को सबसे पहले दुनिया के सामने रखा। मदद के इस जज्बे की नेपाल के लोग काफी प्रशंसा कर रहे हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह यहां मदद पहुंचाने की शुरुआत की, उसकी तारीफ पूरी दुनिया पहले ही कर चुकी है। नेपाल में दो दिन बाद हालात जब सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं तो यहां भी चर्चाओं में सबसे ऊपर मोदी हैं। यहां के सीनियर जर्नलिस्ट उज्ज्वल ओझा इस माहौल को एक लाइन में यूं समेटते हैं, 'अगर मोदी यहां की किसी भी सीट से चुनाव लड़ जाएं, तो आराम से जीत जाएंगे।'
रिपोर्टर्स क्लब ऑफ नेपाल के अध्यक्ष रिषी धमेला का कहना है कि अगर भारतीय मदद न होती तो हाल और ज्यादा खराब हो जाता। नेपाल का अपना प्रशासनिक, तकनीक और संसाधनों का ढांचा ऐसा नहीं था जो इतनी बड़ी मुसीबत का सामना कर पाता। एनडीआरएफ के सात सौ से ज्यादा जवान दिन-रात लोगों की मदद कर रहे हैं। यूपी, बिहार और कुछ अन्य राज्यों से यहां मदद पहुंचने लगी है। यह मदद वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
भारत से आए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लोगों को भी लोग कृतज्ञता के भाव से देख रहे हैं। मीडिया यहां काफी दिक्कतों के बीच काम कर रहा है। हमारी टीम कुछ खुशनसीब लोगों में है जिन्हें होटेल भी मिला और दो वक्त का खाना भी। लेकिन बड़ी संख्या में चैनलों के रिपोर्टर, विडियो और फोटोग्राफर और प्रिंट जर्नलिस्ट को रहने का ठिकाना नहीं मिल पाया है।
वजह यह है कि ज्यादातर इमारतें ध्वस्त हैं। जो ऊपर से सलामत नजर आ रही हैं, उनमें भी दरारें हैं। जान का रिस्क कोई नहीं ले रहा। सब जगह ताले पड़े हैं। चैन की एक भरपूर नींद ले पाना ख्वाब सरीखा है। बैटरी चार्ज करने से लेकर पानी की बोतल और बिस्किट के पैकेट तक काफी मुश्किल से मिल रहे हैं। फिर भी मीडिया के लोग बहादुरी से डटे हैं।
-मोदजी ने आनन फानन मे इतना बढिया कदम उठाया की विरोधी लोग भी उनकी प्रशशा कर रहे है सच पूछिए तो म्दी जी नें मानवता की मिशाल कायम् की है यदि उन्हे मानवता का मसीहा भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहो होगी
-इंडिया ईज़ दा बेस्ट..
-नेपाल की जनता का भारत के साथ दिल का रिश्ता है, चीन कितना भी पैसा खर्च कर ले उसे यह रिश्ता नही मिल सकता.
-हमारी सोच ही ऐसी है ....... दूसरो के काम आना...
-अब मोदीजी का राजनितिक कैरियर सेफ है। नेपाल के अगले पी एम बन सकते हैं
-नेपाल के लोग तो मोदी जी का लोहा मान गए है परंतु भारत के तथागत विरोधी दल तो मोदी को वीटो करने मे ही लगे है.
-भारत मदद कर रहा है !!पूरी तकद लगाके !! वहन चीन भी ट्राइ मार रहा है !! नेपाल 'ऑपरेशन मैत्री ' याद रखना !!!
-मेरा भारत महान
-भारत एक महान देश है | Indian army is the best army in the world |